✒️चंद्रपूर(Chandrapur विदर्भ प्रतिष्ठा न्यूज नेटवर्क)
चंद्रपूर(दि.24 जून) :- मैं वंदना विनोद बरडे नागपूर मे रहती हू !बचपन से ही सामाजिक कार्य हे लगाव था! बचपन मे एक छोटेसे गाव वाघोली त.आष्टी जिल्हा वर्धा महाराष्ट्र 100 लोगो के बीच में रहती थी! गाव हे स्कूल 3री तक थी!बादमे 5 किलो मीटर तक पैदल बारिश,धुप,थंड,जाती थी 4साल खडकी गाव में 7,वी तक पढी !बाद मे 8 वी हे 12तक आष्टी तालुका मे पढी !बादमे 3साल का नर्सिंग कोर्स जिल्हा अमरावती मे किया!1साल बाद सरकारी नर्स/अधिपरिचारीका staff nurse कि ड्युटी लगि !ग्रामिण रुग्णालय एटापल्ली जिल्हा गडचिरोली मे आदिवासीयोंके साथ एक सालं ड्युटी कि !ऊसके बाद ग्रामीण रुग्णालय सिरोंचा जिल्हा गडचिरोली मे 2साल आदिवासी योंके साथ ड्युटी की.
ऊसके बाद 1महीना ग्रामीण रुग्णालय आष्टी जिल्हा गडचिरोली मे आदिवासीयोंके साथ ड्युटी की ! उसके बाद जिल्हा सामान्य रुग्णालय भंडारा मे 8साल ड्युटी की !ईस बिच 26साल के उम्र में शादी हुई !शादी के 6महीने बाद आक्सिडेन्ट हुआ.ऊसके 3साल बाद लडका हूआ 2003 मे प्रमोशन हुआ !जो अभी 22साल का है.ईस बीच में पढाई शुरु थी.BA किया.बादमेM A Sociology मे किया !ऊसके 3साल बाद दुसरा बेटा हूआ.बादमे डागा स्मृती स्री शासकिय रूग्णालय नागपूर मे ट्रान्स्फर हूआ .
उसके बाद 3साल का PB BSC Nursing का कोर्स किया. बांधणे ट्रान्स्फर रामटेक जिल्हा नागपूर मे हुयि.रामटेक मे 3सालरही .फिर नागपूर मे ट्रान्स्फर हूआ .4साल नागपूर मे ड्युटी की .उसके बाद फिर प्रमोशन हुआ उपजिल्हा रुग्णालय वरोरा जिल्हा चंद्रपूर मे आज तक वही पे हु.ईस दौरान बेस्ट नर्सिंग का पुरस्कार,बेस्ट इन्चार्ज का पुरस्कार, बेस्ट एम्पलाई का पुरस्कार,मिले.मै स्वाथि मे सामाजिक कार्य भी करती रहती थी .
जैसै कि बेटी बचाव बेटी पढाओ,बिजली बताओ, पाणी कि बचत करो.पेढ पौधे लगाओ, गर्भपात मत करो, आत्महत्या मत करो,एकदूसरे की मदत करो, हिंसाचार न करो,दहेज मत लो और व्हेज मत दो इत्यादी.और नाॅशनल ईंटर नाॅशनल डे के कार्यक्रम आयोजित करती थी,कोई भी स्पर्धा रहै ऊसमे पार्टीशिपेट करती थी.ईसके मुझे बहोत सारे अवार्ड मिले हैं.अभी फ्लॉरेन्स नाईटिंगेल अवार्ड चंद्रपूर जिल्हे मे मिला है.महाराष्ट्र टाइम्स ऑफ इंडिया कि तरफ से अच्व्हिमेंन्ट अवार्ड मिला है. काही बार गेष्ट स्पिकर बनकर भाषणं भि दिये.
जैसे कि जेष्ठ नागरिक दिवस, जागतिक महिला दिवस, आंतरराष्ट्रीय परीचारीका दिवस, पर्यावरण दिवस इत्यादी.और मै मेरे हस्पताल मे सारें प्रोग्राम करती हु,करवाके लेति हुं, स्तनपान सप्ताह,पोषन आहार सप्ताहा , लसीकरण मोहीम ईत्यादी. औ मैं पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर महीला मंडळ अध्यक्ष भी हु.माता पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर ईनकि राहो मे चलकर 15सालसे कार्य कर रही हू.जल्लोश करते है बाईक राॅली निकालते है . सांस्कृतिक कार्यक्रम करते है. पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर का जयकारा होता है .
जब भी मोक्का मिला तब मै हर चिज का प्रचार और प्रसार करती हुं.मै अवयव दान, रक्त दान,आख दान देहदान का प्रचार और प्रसार करती हुं .और मैने खूदका देहदान का फार्म भरा भि.मा बाप कि सेवा करती हू.अगस्त २०२२ मे बेटे का जबरदस्त आॅक्सीडेन्ट हूआ था ऊसकी भी सेवा करती हुं.और बहोत कूछ करने का ईरादा है भगवान का साथ मीला और सहकार्य मीला तो और अच्छा काम करना चाहती हू.